अग्रिम कर AY 2024-25 Advance Tax

अग्रिम कर (धारा 208, 209 और 211)

अग्रिम कर (Advance Tax) हर मामले में देय है जहां एक निर्धारिती (assesses) द्वारा देय कर (Tax) की राशि Rs.5,000/- या उससे अधिक है । निर्धारण वर्ष (A.Y.) 2024-25 के लिए अग्रिम कर के भुगतान सम्बंधित क़िस्त एवं देय तिथि निम्न प्रकार है :
कंपनी के अलावा (Advance Tax Liability for Assesses other than Companies i.e. Individual, HUF, P. Firm, AOP)

नियत तारीख (Due Date) देय किस्त (Installment)
15-06-2023 अग्रिम कर का कम से कम 15%
15-09-2023 अग्रिम कर का कम से कम 45% (पूर्व में यदि कोई अग्रिम कर किस्त जमा की गयी हो तो उसे घटा दीजिये )
15-12-2023 अग्रिम कर का कम से कम 75% (पूर्व में यदि कोई अग्रिम कर किस्त जमा की गयी हो तो उसे घटा दीजिये )
15-03-2024 पूरा 100% अग्रिम कर (पूर्व में यदि कोई अग्रिम कर किस्त जमा की गयी हो तो उसे घटा दीजिये)

आयकर के महत्वपूर्ण प्रावधान
  वित्तीय वर्ष 2023-24 (निर्धारण वर्ष 2024-25)  


वित्तीय वर्ष से अभिप्राय   आयकर की गणना में वित्तीय वर्ष से अभिप्राय 1 अप्रैल से 31 मार्च तक की अवधि होती है, तथा इस दौरान प्राप्त आय इस वित्तीय वर्ष की मानी जाती है। चूंकि किसी वर्ष की आय पर आयकर का निर्धारण वर्ष समाप्ति के पश्चात अगले वर्ष किया जाता है अतः अगले वर्ष को कर निर्धारण वर्ष कहा जाता है। इसलिये जिस वर्ष में आय अर्जित की जाती है उस वर्ष को गतवर्ष के रूप में जाना जाता है। उदाहरण के लिये वित्तीय वर्ष 2023-24 का कर निर्धारण वर्ष 2024-25 होगा,  वर्ष 2022-23 को गत वर्ष के रूप में माना जावेगा।   सामान्यतः माह मार्च का वेतन 1 अप्रैल को तथा आगामी वर्ष के फरवरी माह का वेतन मार्च को प्राप्त होता है इसलिये मार्च से  आगामी वर्ष की फरवरी माह तक के वेतन को आयकर विवरणिका में शामिल किया जाता है। फिर भी वेतन की गणना करने के लिये यह देखना होगा कि वेतन कब उपार्जित हुआ है अथवा कब प्राप्त हुआ है, इन दोनों परिस्थितियों में जो भी पहले हो के अनुसार उसके अनुसार कर योग्य माना जावेगा। निम्न बिन्दूओं से आप स्थिति को अधिक स्पष्ट कर सकते है। 
वेतन एवं वेतन अवधि की विवेचना
प्राप्त वेतन
यदि गतवर्ष में कोई पिछला वेतन प्राप्त हुआ है तथा उस पर सम्बन्धित वर्ष में उपार्जन के आधार पर कर नहीं लग चुका है तो उस पर प्राप्ति के आधार पर कर लगाया जावेगा।
उपार्जित वेतन
यदि गतवर्ष में उपार्जित वेतन का भुगतान नहीं हुआ है तो उस पर गतवर्ष में ही कर लगाया जावेगा।
एडवांस वेतन
यदि किसी कर्मचारी को नियोक्ता ने अग्रिम वेतन दिया है तो वह प्राप्ति वाले वर्ष में टैक्स देय होगा। उदाहरण हेतु यदि नियोक्ता ने माह जनवरी 2024 में फरवरी 2024 से जून 2024 का वेतन अग्रिम दिया हो तो ये सम्पूर्ण आय वित्तीय वर्ष 2023-24 की मानते हुए निर्धारण वर्ष 2024-25 में टैक्स की गणना की जावेगी।
एरियर का भुगतान
यदि गत वर्ष में कोई एरियर प्राप्त हुआ है तो वह भी गतवर्ष में कर योग्य होगा बशर्ते वह राशि उपार्जित होने वाले वर्ष में पहले ही कर योग्य न की गई हो। किन्तू एरियर पर धारा 89 की छूट का दावा किया जा सकता है।
बोनस, कमीशन, फीस इत्यादि
यदि कर्मचारी को अपने नियोक्ता से कोई बोनस, कमीशन अथवा फीस प्राप्त होती है तो वह जिस वर्ष में प्राप्त होगी वह वेतन के अन्तर्गत ही प्राप्ति वर्ष में कर योग्य होगी।
पेंशन
सभी राजकीय कर्मचारियों एवं गैर राजकीय कर्मचारियों को सेवानिवृत्ति के उपरांत प्राप्त होने वाली मासिक पेंशन पूर्णतः कर योग्य होगी। यह देय होने वाले वर्ष में कर योग्य होगी।
अवकाश के बदले नकदीकरण
एक सरकारी कर्मचारी को राजसेवा में रहते हुए यदि अवकाश के बदले कोई नकदीकरण होता है तो पूर्णत कर योग्य होगा। तथा यदि सेवानिवृत्ति पर राजकीय कर्मचारी अवकाश के बदले नकदीकरण प्राप्त होता है तो वह राशि पूर्णतयः कर मुक्त होगी।
=============================================================================
सकल वेतन की गणना
वेतन
वेतन में मूल वेतन, मंहगाई वेतन, ग्रेड-पे, अवकाश वेतन, अग्रिम वेतन, वकाया वेतन, नवीन पेंशन योजना में सरकार का अंशदान, बोनस, कमीशन, फीस, विशेष वेतन, निर्वाह भत्ता आदि सम्मिलित किये जाते है।
कर योग्य भत्ते
महंगाई भत्ता, मकान किराया भत्ता, सीसीए, प्रतिनियुक्ति भत्ता, अंतरिम राहत, एनपीए, नौकर भत्ता, मेडिकल भत्ता, परियोजना भत्ता आॅवरटाईम भत्ता, वार्डन भत्ता, टिफिन भत्ता (मकान किराया कुछ परिस्थितियों में कर मुक्त है)
कर मुक्त भत्ते
विदेश भत्ता पूर्णतः करमुक्त होता है।
वास्तविक व्यय की सीमा तक कर मुक्त
आॅफिस कार्य हेतु आने-जाने, आॅफिस कार्य या ट्रांसफर के लिये की गयी यात्रा, आॅफिस के कार्य के निष्पादन हेतु हैल्पर रखने, अनुसंधान खर्च एवं पोशाक भत्ता वास्तविक व्यय की सीमा तक कर मुक्त होंगे।
=============================================================================
मकान किराया भत्ता
यदि कोई कर्मचारी स्वयं के मकान में रहता हैं अथवा अथवा अन्य किसी के मकान में रहता है जिसके लिये उसके द्वारा कोई भी राशि किराये के रूप में भुगतान नहीं की जा रही है तो मकान किराया भत्ता पूर्णतः कर योग्य होगा। यदि कोई कर्मचारी किराये के मकान में रह रहा है तो कर्मचारी को मकान किराया भत्ते में निम्न में से सबसे कम राशि की छूट दी जावेगी।
1.    वर्ष के दौरान प्राप्त वास्तविक मकान किराया भत्ता
2.    वेतन के 10% से अधिक चुकाया गया मकान किराया
3.    वेतन का 40% 
NOTE :  मकान किराये में छूट हेतु वेतन से अभिप्राय मूल वेतन, ग्रेड पे, मंहगाई भत्ते के याग से है।
Remarks about HRA
1. Though incurring actual expenditure on payment of rent is a pre-requisite for claiming deduction under section 10(13A), it has been decided as an administrative measure that salaried employee drawing house rent allowance up to 3000 per month will be exempted from production of rent receipt. It may, however be noted that this concession is only for purpose of Tax deduction at source, and in the regular assessment of the employee, the Assessing Officer will be free make such inquiry as he deems fit for the purpose of satisfying himself that the employee has incurred actual expenditure on payment of rent.
2.  यदि कर्मचारी द्वारा प्रतिवर्ष 1 लाख से अधिक मकान किराया चुकाया जाता है तो ऐसी स्थिति में उसे मकान मालिक का पेन संख्या नियोक्ता को उपलब्ध कराना आवश्यक है। और यदि मकान मालिक के पास पेन सं0 उपलब्ध नहीं है तो मकान मालिक से इस आशय की घोषणा मय मकान मालिक के नाम एवं पता सहित प्राप्त कर नियोक्ता को उपलब्ध करानी होगी।
3.   मकान किराये की छूट हेतु किरायानामा की प्रति नियोक्ता का उपलब्ध कराये जाने का कोई प्रावधान नहीं है।
=============================================================================
मनोरंजन भत्ता 
सरकारी कर्मचारी के लिये इस भत्ता मद में प्राप्त राशि को पहले सकल आय में जोडा जावेगा तथा उसके उपरांत धारा16(।।) में छूट के रूप में निम्न में से सबसे कम राशि को घटाये।
1.    5000/-
2.    वेतन का 20%
3.    वास्तविक प्राप्त मनोरंजन भत्ता
=============================================================================
गृह सम्पत्ति से आय
वर्तमान प्रावधानों के अनुसार गृह सम्पत्ति से आय शीर्षक में होने वाली आय में से निम्न छूट उपलब्ध है।
1.    वार्षिक आय के 30% के बराबर राशि
=============================================================================

Home Loan ( गृह ऋण )

सवाल – हम दोनों पति-पत्नी कार्य करते हैं। हमने संयुक्त नाम से होम लोन लिया है जिसका भुगतान भी दोनों ही बराबर-बराबर कर रहे हैं। क्या होम लोन के ब्याज पर हम दोनों दो-दो लाख रुपये की छूट अपनी आयकर विवरणी में प्राप्त कर सकते हैं।

जवाब – जी हां। अगर मकान में मालिकाना हक भी आप दोनों का है तो आयकर की धारा 24 के तहत आप दोनों अलग-अलग दो लाख रुपये तक की छूट प्राप्त कर सकते हैं। अगर मकान किसी एक के नाम से है और होम लोन संयुक्त नाम से है तो फिर जिनके नाम से मकान है उन्हीं को होम लोन के ब्याज की छूट प्राप्त होगी।

                                                                                होम लोन पर इनकम टैक्स लाभ वर्ष 2023 -  Income tax (Section  80C, Section 24, Section 80EE,  Section 80EEA )
                                                                                होम लोन की इनकम टैक्स छूट के लाभ को सिर्फ 45 लाख रूपये तक स्टाम्प वैल्यू वाले घर खरीदने पर ही क्लेम किया जा सकता है.

01 फरवरी 2021 को केन्द्रीय बजट में सरकार ने हाउसिंग लोन भुगतान के लिए ब्याज पर रूपये 1.5 लाख अतिरिक्त कटौती को 31 मार्च 2022 तक बढ़ा दिया है जिसमें ब्याज भुगतान पर रूपये 3.5 लाख तक की कटौती का लाभ उठा सकते है.

Section 80C – हाउसिंग लोन भुगतान में  मूलधन के पुनर्भुगतान राशि पर टैक्स कटौती अधिकतम 1.5 लाख रूपये है. इसमे स्टाम्प शुल्क और रजिस्ट्रेशन शुल्क भी शामिल कर सकते है किन्तु केवल एक बार.

Section 24 B  – हाउसिंग लोन भुगतान में चुकाई गयी ब्याज राशि पर टैक्स कटौती अधिकतम 2 लाख रूपये है. यह कटौती उस प्रॉपर्टी पर पर लागु होती है जिसका निर्माण 5 वर्षों के भीतर समाप्त हो गया है. अगर ये समय सीमा में समाप्त नहीं होता है तो आप 30,000 रूपये तक क्लेम कर सकते है.

Section EE – पहली बार घर खरीदने वालों के लिए हर वित्तीय वर्ष में होम लोन पर ब्याज दर अतिरिक्त टैक्स लाभ   50,000 रूपये क्लेम कर सकते है. होम लोन की राशि 35 लाख से अधिक नहीं होनी चाहिए . प्रॉपर्टी की कीमत 50 लाख रूपये के भीतर होनी चाहिए.

Section  80EEA  – हाउसिंग लोन भुगतान के लिए ब्याज पर रूपये 1.5 लाख अतिरिक्त टैक्स  कटौती – होम लोन पर ये टैक्स लाभ सेक्शन 24(b) के तहत  2 लाख रूपये मौजूदा छूट के अतिरिक्त है.

                                                                                ध्यान देने योग्य कुछ अन्य शर्तें -
  • टैक्स में छूट केवल तब लागू होगी जब प्रॉपर्टी का निर्माण पूरा हो जाता है , या बना बनाया घर खरीदते है.
  • हर साल इन टैक्स लाभों का फायदा उठायें और महत्वपूर्ण बचत करें .
  • अगर आप प्रॉपर्टी को अपने कब्जे के 5 साल के भीतर में बेच देते है तो सभी क्लेम वापस हो जायेंगे और आपकी आय में जुड़ जायेंगे.
  • आप प्रॉपर्टी खरीद सकते है और किराये पर दे सकते है. इस मामले में होम लोन पर टैक्स छूट के रूप में क्लेम करने की कोई अधिकतम सीमा नहीं है .
  • होम लोन का लाभ उठाते समय अगर आप किसी अन्य घर में किराये से रहना जारी रखते है तो आप HRA पर टैक्स लाभ का क्लेम भी कर सकते है.
  • होम लोन का बीमा हेतु चुकाई गयी राशि धारा 80 C के अंतर्गत आएगी.
=============================================================================
सकल कुल आय की गणना
सकल कुल आय की गणना करने के लिये आय के पांचों शीर्षको वेतन, मकान सम्पत्ति, व्यापार एवं पेशा, कैपीटल गेन एवं अन्य स्त्रोत से आय जोडी जावेगी। सकल कुल आय की गणना के उपरांत धारा 80C से 80U तक की छूट करदाता को प्राप्त होगी।  जिसके उपरांत शेष राशि कर योग्य आय होगी जिस पर करदाता को कर चुकाना होगा। 
=============================================================================
धारा 80C की छूट
धारा 80C के अन्तर्गत अधिकतम 1.50 लाख रूपये तक छूट उपलब्ध होगी। धारा 80C, 80CCC एवं धारा 80CCD(1)  तीनों में कुल मिलाकर अधिकतम छूट 1.50 लाख रूपये होगी। निम्न निवेशों पर छूट प्राप्त होगी।
जीवन बीमा प्रीमियम
पाॅलिसी स्वयं के लिये, जीवनसाथी या किसी संतान के नाम पर होनी चाहिए।
स्थगित वार्षिकी
स्वयं के लिये, जीवनसाथी या किसी संतान के नाम पर होनी चाहिए।
कर्मचारी प्रोविडेंट फंड/जीपीएफ/पीपीएफ
स्वयं के लिये, जीवनसाथी या किसी संतान के नाम पर होनी चाहिए।
अन्य स्कीम
पोस्ट आॅफिस के 10/15 वर्षीय बचत खाते
राष्ट्रीय बचत पत्र
अधिकृत यूलिप
नोटिफाईड डिपाॅजिट स्कीम
नेशनल हाउसिंग स्कीम के पेंशन फंड में जमा कराई गई राशि
एलआईसी/यूटीआई के नोटिफाई एन्यूटी प्लान या म्यूचल फंड में योगदान
सुकन्या समृद्धि योजना
हाउसिंग फाईनेंस करने वाली पब्लिक सेक्टर की कंपनी के डिपाॅजिट स्कीम में किया गया योगदान
पब्लिक फाईनेंशियल संस्थान/पब्लिक कंपनी द्वारा किये गये कैपिटल इश्यू में शेयर्स/डिबेंचर्स लेने के लिए किया गया सब्स्क्रिप्शन ।
आवास लोन
आवासीय सम्पत्ति के निर्माण/खरीद हेतु लोन के मूलधन की अदायगी की किश्त या आशिक भुगतान, वित्तीय वर्ष के अंत से 5 वर्ष के भीतर सम्पत्ति अन्य को बेच दी जाती है तो इन वर्षो में ली गई छूट राशि पर उस वर्ष में कर लगेगा।
ट्यूशन फीस
भारत में स्थित किसी भी स्कूल, काॅलेज, यूनिवर्सिटी या किसी अन्य शैक्षणिक संस्थान में दो संतानों की पढाई के लिए प्रवेश के समय चुकाई गई केवल ट्यूशन फीस की राशि पर छूट देय होगी, अन्य शुल्क जैसे विकास शुल्क, परिवहन शुल्क, लैब फीस आदि हेतु छूट देय नहीं होगी । सरक्यूलर नं. 8/2007 एवं 9/2008 के अनुसार ट्यूशन फीस की छूट प्री-नर्सरी/नर्सरी क्लास के लिये भी होगी। छूट अधिकतम दो संतानों हेतु देय होगी, 2 से अधिक संतान होने की स्थिति यदि किसी के चार बच्चे है तो 2 बच्चों की छूट पति तथा 2 बच्चों की छूट पत्नि हेतु देय होगी। फीस की छूट केवल उस वित्तीय वर्ष में फीस ड्यू से प्राप्त नहीं होगी वरन् भुगतान करने से प्राप्त होगी। यह छूट केवल पूर्णकालीन अवधि के कोर्स हेतु देय है किसी कोचिंग, प्राईवेट ट्यूशन या अन्य शिक्षण संस्था को चुकाई जाने फीस छूट योग्य नहीं है। स्वयं अथवा जीवनसाथी की की पढाई हेतु यह छूट देय नहीं होगी।
5 वर्षीय बैक सावधि जमा
करदाता केवल अपने नाम बैंक की 5 वर्षीय सावधि जमा में निवेश कर कर छूट का लाभ ले सकता है। लेकिन इससे प्राप्त आय ब्याज अन्य स्त्रोत से आय शीर्षक में कर योग्य होगी।
पेंशन फंड
करदाता स्वयं के नाम से एलआईसी या अन्य बीमा कंपनी के पेंशन फंड में निवेश कर अधिकतम 1.50 लाख तक की छूट ले सकता है। धारा 80सीसीसी
नवीन पेंशन योजना
1.1.2004 के पश्चात नियुक्त कार्मिकों के द्वारा पेंशन योजना में निवेश करने पर कर्मचारी एवं नियोक्ता दोनों के अंशदान की छूट प्राप्त होगी लेकिन ये वेतन के अधिकतम 10 प्रतिशत की सीमा में होगी। धारा 80सी 80सीसीसी 80 सीसीडी 1 तीनों मिलाकर छूट 1.5 लाख रूपये से अधिक नहीं हो सकती है।
निर्धारण वर्ष 2022-23
  मे करदाता द्वारा नवीन अंशदायी पेंशन योजना में 50000/- रूपये की सीमा तक अतिरिक्त अंशदान राशि पर कटौती स्वीकार होगी। यह राशि 80CCE की 1.50 लाख रूपये की कटौती की अधिकतम सीमा के अतिरिक्त होगी।

अगर आप पहले ही सेक्शन 80C की 1.5 लाख की लिमिट दुसरे निवेशों के द्वारा पूरी कर चुके हैं, तो जो आपका NPS के निवेश है, उसे आप 80CCD(1B) के तहत दिखा सकते हैं|
80CCD(1B)
के तहत आपको 50,000 रुपये तक का टैक्स बेनिफिट मिलता है|
Section 80CCD(1)
के तहत जो टैक्स बेनिफिट है, वह सेक्शन 80C की 1.5 की लिमिट के अन्दर ही आता है|

=============================================================================
धारा 80D TO 80U & TTA
धारा 80D 

करदाता स्वयं, जीवनसाथी, आश्रित बच्चों एवं माता-पिता हेतु ली गई मेडिक्लेम पाॅलिसी के भुगतान हेतु आयकर में छूट प्राप्त कर सकता है। छूट की राशि स्वयं/जीवनसाथी/बच्चों हेतु 25000/- माता-पिता हेतु 25000/- अतिरिक्त एवं सीनियर सिटीजन की स्थिति में 30000/- होगी।
धारा 80DD
आश्रित विकलांग की चिकित्सा, प्रशिक्षण या पुनर्वास के खर्च करने अथवा आश्रित विकलांग की देखभाल हेतु किसी बीमा कम्पनी की योजना में निवेश हेतु छूट प्राप्त है। इसके तहत् 75000/- की छूट देय है तथा यदि विकलांगता 80 प्रतिशत से अधिक है तो छूट 125000/- होगी।
धारा 80DDB
स्वयं या आश्रित की बीमारी  (1. Neurological diseases 2.  Cancer 3.  AIDS 4.  Chronic Renel Failure 5.   Hemophilia
6. Thalassaemia)  पर किया व्यय 40000 रूपये या वास्तविक व्यय जो कम होगा छूट योग्य है। सीनियर सिटीजन हतु 60000/- रूपये एवं सुपर सीनियर सिटीजन हेतु 80000/- या वास्तविक खर्च की राशि जो भी कम हो की छूट देय है।
धारा 80E
यदि करदाता स्वयं, अपने जीवनसाथी अथवा बच्चों की उच्च शिक्षा  ( कक्षा 12वीं के बाद जारी रहने वाली सभी प्रकार की शिक्षा को उच्च शिक्षा माना गया है) हेतु लिये गए ऋण पर चुकाये गये ब्याज की छूट प्राप्त होगी।
धारा 80G
करदाता अपनी सकल आय के 10% की सीमा तक दान राशि की छूट प्राप्त कर सकता है। कुछ संस्थाओं को दिये गये दान की छूट शतप्रतिशत प्राप्त होगी तथा कुछ में दान की 50% राशि की छूट प्राप्त होगी।
धारा 80U
यदि करदाता स्वयं अंधापन, कम दिखाई देना, बहरापन, पागलपन, दिमागी बीमारी, कुष्ठ रोग से ग्रसित विकलांग व्यक्ति है तो उसे सम्बन्धित प्राधिकृत अधिकारी द्वारा जारी विकलांगता प्रमाण पत्र रिटर्न के साथ दाखित करने कर छूट का लाभ देय होगा। इसके तहत् 40से 80 प्रतिशत विकलांगता है तो 75000/- तथा 80% से अधिक विकलांग है तो 125000/- की छूट देय होगी। यदि  करदाता द्वारा धारा 80DD में छूट ली गई है तो ये छूट प्राप्त नहीं होगी।
धारा TTA
करदाता को बैंक, बैंक का व्यवसाय करने वाली सहकारी समिति या डाकघर द्वारा बचत खाते पर दिया गया ब्याज 10000 की सीमा तक छूट योग्य है।
=============================================================================
आयकर की गणना 
राउन्ड-आॅफ - इस प्रकार सकल आय में धारा 80C से 80U तक की छूट प्राप्त करने के बाद कर योग्य राशि को दस के गुणक में राउन्ड-आॅफ कर प्राप्त कुल आय से आयकर की गणना की जावेगी।
धारा 87A की छूट - कम आय वाले करदाताओं को छूट देने के उद्देश्य से ऐसे करदाता जिनकी कुल आय 5 लाख रू से अधिक नहीं है उन्हे आयकर में अधिकतम 12500 छूट का प्रावधान है।
अधिभार -  कुल आय पर देय आयकर की गणना से 87ए की छूट के पश्चात आयकर राशि पर निम्न अधिभार देय होगा।
               शिक्षा एवं स्वास्थ्य अधिभार  - आयकर के योग पर 4 प्रतिशत       
सूचना : आयकर सम्बन्धी उपरोक्त सामग्री आपको  केवल सामान्य जानकारी हेतु उपलब्ध कराई जा रही है, इसलिये आप कोई भी निर्णय लेने से पहले अपने प्रमाणित कर सलाहकार की राय अवश्य  लेवें ।